PSTET Student Takes State Authority To Court Over Punjabi Word “Ghumdi”
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Manmit Singh now stands pass in the state teacher eligibility test he wrote last year after judge rules that he should be given an extra mark since the Punjabi translation for both rotation and revolution is “ghumdi”.
CHANDIGARH – When Manmit Singh appeared for the Punjab State Teacher Eligibility Test (PSTET), little did he realise that he would end up with the wrong answer just because the Punjabi translation for both rotation and revolution is “ghumdi”.
Coming to his rescue, Justice GS Sandhawalia directed the State of Punjab and other respondents to grant the petitioner the benefit of a mark. As he was earlier short of just one mark, Manmit Singh now stands pass in the state teacher eligibility test, the result of which was declared in June 2013.
In his petition, Manmit Singh had said that one of the questions with four options was a) Rotation is the movement of earth on its axis; b) on its orbit; c) around the sun; and d) around the sun in a fixed path.
The petitioner claimed the correct answer was option “a”. But he choice option “d” while answering the question in Punjabi. His counsel argued that the answer attempted in Punjabi was not wrong as “ghumdi” meant both rotation and revolution.
Taking up the matter, Justice Sandhawalia asserted: “The counsel for the state was not in a position to explain this ambiguity since in Punjabi there would be no equivalent to the word revolution.
“He had rightly ticked the option ‘d’, since in Punjabi it would be the correct answer. In such circumstances, it is clear that the petitioner has made out a case for grant of one mark on account of ambiguity regarding the question….
“It is apparent that there is a mistake in the answer key and if the petitioner is given the benefit of this ambiguity, he makes the grade. This court would be failing in its duty if it does not exercise its jurisdiction….
“In such circumstances, the present writ petition is allowed. Accordingly, a writ of mandamus is issued directing the respondents to grant the petitioner the benefit of one mark on account of correct answer of the question in the Punjabi language and declare him pass in the state teacher eligibility test. The needful be done within four weeks….”
अध्यापक संगठन हुआ उग्र
ReplyDeletePublish Date:Tue, 07 Oct 2014 03:15 AM (IST) | Updated Date:Tue, 07 Oct 2014 02:21 AM (IST)
अध्यापक संगठन हुआ उग्र
अखिलेश सिंह यादव, अमृतसर :
पंजाब सरकार ने अध्यापकों व मुलाजिमों के भत्तो व रुतबे पर कैंची चला दी है। रुतबे व भत्तो पर सरकारी 'कटिंग' के कारण अध्यापकों में रोष व्याप्त हो गया है। अध्यापक व मुलाजिम संगठनों ने सरकार के खिलाफ व्यापक रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है।
डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट पंजाब ने पंजाब के मुलाजिमों व अध्यापकों की कैटागिरी वाइज ग्रेडेशन कम करने, एक जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए मुलाजिमों से एक्स ग्रेशिया का अधिकार छीनने व टीईटी पास 4909 अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया रद करने की निंदा की है। फ्रंट ने सरकार के खिलाफ मोर्चा शुरू करने के लिए अध्यापकों व मुलाजिमों को आह्वान किया है।
प्रदेश अध्यक्ष भुपिंदर सिंह वड़ैच, दविंदर सिंह पूनिया, अमरजीत शास्त्री ने कहा कि पंजाब सरकार एक तरफ प्रमुख सचिव स्तर की उच्च स्तरीय कमेटी बना कर मुलाजिम मांगे हल करने के लिए मुलाजिम व अध्यापक नेताओं से बातचीत का दौर चला रही है। इस दौर में कैश लैस मेडिकल स्कीम, 4-9-14 एसीपी व दिहाड़ीदार कर्मी पक्के करने के मुख्य मुद्दे हैं। परंतु पंजाब सरकार ने नई नोटिफिकेशन करके एक लाख कर्मचारियों को ए कैटागिरी से खिसका कर सी कैटागिरी में धकेल दिया है। इससे मुलाजिमों के ऊंचे रुतबे का कम होना स्वाभाविक है। सरकार ने एलटीसी, मोबाइल भत्ता में कटौती करने के लिए भी कमर कस ली है।
अध्यापक नेताओं ने आरोप लगाया है कि पंजाब सरकार अपना खजाना खाली होने का शोर मचा रही है। इस कारण मुलाजिमों को 17 प्रतिशत डीए पहले ही कम मिल रहा है। अब मोबाइल भत्ता में 150 से 350 रुपये की कटौती का फरमान करके मुलाजिमों को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाया है।
इस अवसर पर अध्यापक नेता जरमनजीत सिंह छज्जलवड्डी, सुखजिंदर सिंह, बलराज जोशी, नवनीत सिंह, सुरेंद्र सिंह, सुखरासज सरकारिया, बिक्रम देव ने पंजाब सरकार के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लिया है।
एकजुट होकर करेंगे
आंदोलन :अवस्थी
डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के प्रधान सुखराज सरकारिया व महासचिव अश्विनी अवस्थी ने सरकार के इस फैसले को अध्यापकों पर वज्रपात बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के विरुद्ध सभी को एकजुट होकर आंदोलन चलाया जाएगा। ताकि सरकार को करारा जवाब दिया जा सके।
टीईटी के परिणाम में देरी, परीक्षार्थी उलझन में
ReplyDeletePublish Date:Sun, 05 Oct 2014 07:49 PM (IST) | Updated Date:Sun, 05 Oct 2014 07:49 PM (IST)
राधिका कपूर, लुधियाना
स्टेट कौंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) की ओर से ली गई अध्यापक योग्यता परीक्षा (टीईटी) का परिणाम करीब डेढ़ माह बाद भी घोषित नहीं किया जा सका है, जबकि पहले परीक्षा के दो हफ्ते बाद ही परिणाम घोषित हो जाता था। परीक्षार्थी परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि टीईटी रद होगा या फिर दोबारा लिया जाएगा। गौर हो कि 24 अगस्त को टीईटी लिया गया था। जिला संगरूर व मानसा में इस टेस्ट के लीक होने की बात सामने आई थी। इसके बाद विभाग ने अपनी जांच कमेटी गठित की थी, जोकि अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। वहीं सूत्रों की मानें तो मानसा और संगरूर जिले में टेस्ट का पास प्रतिशत बाकी जिलों से दोगुना पाया गया है, जिससे टेस्ट के लीक होने की पुष्टि होती है।
वर्णनीय है कि टीईटी के एक सप्ताह बाद एससीईआरटी ने उत्तर पुस्तिका भी वेबसाइट पर डाल दी थी। इसमें पेपर वन प्राइमरी अध्यापकों के लिए टेस्ट देने वालों को तीन नंबर और दूसरी शिफ्ट यानी कि सेकेंडरी के अध्यापकों के लिए टेस्ट देने वालों को एक नंबर की ग्रेस मार्क्स भी दी गई थी। जिसका कारण टेस्ट के दिन उत्तर के लिए दिए गए चारों विकल्प में से किसी का उत्तर ठीक नहीं था।
टेस्ट के परिणाम में देरी के चलते सभी परीक्षार्थियों की उलझन बरकरार है। पंजाबभर से 1 लाख, 83 हजार परीक्षार्थियों ने टीईटी दिया था।
पेपर लीक की होती है पुष्टि हो तो रद किया जाए टेस्ट
टीईटी बेरोजगार अध्यापक यूनियन के जिला प्रधान दीप राजा का कहना है कि अगर टीईटी के लीक होने की विभाग पुष्टि करता है तो इसे रद्द किया जाए। ऐसा न करने से मेहनत करने वाले परीक्षार्थियों का भविष्य धुंधला दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 से पंजाब भर में 17,000 ऐसे टीईटी पास अध्यापक हैं जोकि बेरोजगार घूम रहे हैं। सरकार हर वर्ष टीईटी तो ले लेती है लेकिन रोजगार हर किसी को नहीं देती है।